रेमंड ग्रुप की तीन कंपनियों ने विवाद के बीच पत्नी नवाज मोदी को अपने बोर्ड से बाहर कर दिया है। 31 मार्च को एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) के जरिए जेके इन्वेस्टर्स लिमिटेड (JKI), रेमंड कंज्यूमर केयर (RCCL) और स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व ने नवाज मोदी को बोर्ड से बाहर किया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इसके बारे में जानकारी दी है।
नवाज मोदी को जून 2015 में JKI, दिसंबर 2020 में RCCL और अक्टूबर 2017 में स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व में डॉयरेक्टर नियुक्त किया गया था। 
रिपोर्ट के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी रेमंड ने अभी तक नवाज मोदी को बोर्ड से बाहर करने का प्रस्ताव नहीं रखा है, लेकिन जल्द ही वह भी ऐसा कर सकती है।
रेमंड ग्रुप के चेयरमैन गौतम सिंघानिया ने 13 नवंबर 2023 में अपनी पत्नी नवाज मोदी सिंघानिया से अलग होने का ऐलान किया था। 
नवाज मोदी बोलीं, पहले मारपीट की और अब निकाला
बोर्ड से निकाले जाने की सूचना मिलने के बाद नवाज मोदी ने कहा कि 'जब से मैं गौतम सिंघानिया के गलत कामों को उजागर कर रही हूं, तब से मेरे साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। पहले मारपीट की और अब कंपनी से निकाल दिया।'
इससे पहले जेके इन्वेस्टर्स और स्मार्ट एडवाइजरी के शेयरहोल्डर्स ने कंपनी को लिखा था कि उन्होंने डॉयरेक्टर के रूप में नवाज मोदी पर विश्वास खो दिया है। शेयर होल्डर्स ने नवाज मोदी को बोर्ड से हटाने के लिए मीटिंग का अनुरोध किया था। इसके बाद 31 मार्च को बोर्ड की मीटिंग और गुरुवार को शेयरहोर्डर्स की मीटिंग हुई। अब कानूनी प्रक्रिया के साथ नवाज को हटा दिया है। 
अलग होने के लिए संपत्ति में 75% हिस्सा चाहती हैं नवाज मोदी
रिपोर्ट के मुताबिक गौतम सिंघानिया के अलग होने की ऐलान के बाद नवाज मोदी ने अलग होने के लिए शर्त रखी थी। उन्होंने 1.4 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रुपए) की कुल संपत्ति में 75% हिस्सेदारी मांगी थी। 
-Legend News

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