न्‍यूयॉर्क की अदालत के एक फैसले ने 'मीटू मूवमेंट' को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने रेप के दोषी पाए गए फिल्ममेकर हार्वे वेनस्‍टेन की 16 साल कैद की सजा को पलट दिया है। अब उन पर नए सिरे से मुकदमा चलेगा। मीटू आंदोलन के दौरान 2017 में 72 साल के डायरेक्‍टर के ख‍िलाफ एक के बाद एक 80 से अध‍िक महिलाओं ने यौन शोषण, यौन उत्‍पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। साल 2020 में हार्वे वेनस्‍टेन को रेप का दोषी पाया गया था और 23 साल कैद की सजा सुनाई गई थी, जबकि 2022 में एक अन्‍य रेप केस में दोषी करार देते हुए उन्‍हें 16 साल कैद की सजा सुनाई गई। 
न्यूयॉर्क कोर्ट ऑफ अपील्स ने अब 25 अप्रैल 2024 को हार्वे वेनस्‍टेन की बलात्कार की सजा के फैसले को पलटते हुए इसे पूर्वाग्रह से ग्रस्‍त माना। अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रायल कोर्ट के जज का फैसला 'मीटू आंदोलन' के पूर्वाग्रह से ग्रस्‍त था। इस कारण कोर्ट में ऐसी महिलाओं की भी गवाही ली गई, जिनका केस से कोई लेना-देना नहीं था। अदालत ने कहा है कि अब हार्वे वेनस्‍टेन पर नए सिरे से मुकदमा चलाया जाए। हालांकि, उनकी रिहाई नहीं होगी और वह जेल में ही कैद रहेंगे। 
चार में से 3 जजों ने बहुमत से लिया फैसला
समाचार एजेंसी 'एसोसिएटेड प्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत में यह फैसला 4 में से 3 जजों ने बहुमत से लिया गया। अदालत ने ट्रायल कोर्ट के जज जस्‍ट‍िस जेम्स बर्क द्वारा 'कथित घृण‍ित अपराध और घृणित व्यवहार' के बारे में अन्‍य महिलाओं की गवाही की अनुमति को 'न्यायिक विवेक का दुरुपयोग' बताया। 
हार्वे के वकील ने अदालत में दिया ये तर्क
अदालत में हार्वे के वकील आर्थर ऐडाला ने तर्क दिया कि जस्‍ट‍िस बर्क ने ट्रायल में फिल्‍ममेकर से उनके बीते हुए कल के बारे में पूछताछ की अनुमति देकर मुकदमे को प्रभावित किया। फैसले के बाद 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' से बातचीत में ऐडाला ने कहा कि यह 'यह न्यूयॉर्क के हर उस आरोपी की जीत है, जिस पर आपराधिक मुकदमा चल रहा है। उन्‍होंने कहा, 'ट्रायल कोर्ट में हार्वे वेनस्टेन के साथ कानून निष्पक्ष रूप सुनवाई नहीं हुई।' 
क्‍या कहता है मोलिनेक्‍स नियम
वकील आर्थर ऐडाला ने इस दौरान अमेरिकी कानून में मोलिनेक्स नियम का हवाला दिया। कहा कि अभियोजक ऐसी गवाही का उपयोग यह साबित करने के लिए नहीं कर सकते कि आरोपी में अपराध करने की 'प्रवृत्ति' है। 
ट्रायल कोर्ट में क्‍या हुआ था
'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक हार्वे वेनस्‍टेन के मामले में अभियोजकों ने ट्रायल कोर्ट के जज को यह भरोसा दिला दिया कि फिल्‍मेकर के कथित पूर्व यौन शोषण के मामलों से पता चलता है कि उन्‍होंने महिलाओं के साथ जबरदस्‍ती की थी। वह किसी भी तरह से उन्‍हें सेक्स के लिए मजबूर करने का इरादा रखते थे। 
न्‍यूयॉर्क की अदालत ने 'प्रवृति' और 'इरादे' पर कही ये बात
हालांकि, न्‍यूयॉर्क की अपील कोर्ट ने सुनवाई में यह पाया कि ट्रायल कोर्ट में दी गई गवाही केवल इस बात का सबूत थी कि 'बलात्कार और यौन उत्पीड़न की प्रवृत्ति' थी, ना कि आरोपी का पहले से यही मकसद या इरादा था। 
हार्वे वेनस्‍टेन को ले जाया जा सकता है कैलिफोर्निया जेल
बहरहाल, अब इस नए फैसले के बाद जहां 72 साल के हार्वे वेनस्टेन पर नए सिरे से मुकदमा चलेगा, वहीं उन्‍हें जेल से रिहाई नहीं मिलेगी। हार्वे फिलहाल न्यूयॉर्क में मोहॉक जेल में कैद हैं। उन्‍हें आगे की सजा के लिए कैलिफोर्निया ले जाया जा सकता है।
-Legend News

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