रिपोर्ट : LegendNews
मतदान करके बोलीं वित्त मंत्री, मध्यम वर्ग पर सीधा प्रहार करता है विरासत टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बंगलूरू में मतदान करने के बाद विरासत टैक्स पर बात की। उन्होंने कहा कि यह मध्यम वर्ग पर प्रतिकूल असर डालता है, जिससे उनकी गाढ़ी कमाई प्रभावित होती है। उन्होंने कहा, 'यह (विरासत टैक्स) सीधे मध्यम वर्ग पर प्रहार करता है। वे कड़ी मेहनत करते हैं, उनका पसीना और मेहनत इधर-उधर की छोटी-छोटी बचतों के रूप में बचती है, या तो वे सपनों का घर खरीद लेते हैं या कुछ फिक्स्ड डिपॉजिट रख लेते हैं। अगर विरासत टैक्स लगाई जाती है तो ये सभी प्रभावित होंगे। वित्त मंत्री सीतारमण ने ये बातें बेंगलुरु में लोकसभा चुनाव के लिए अपना वोट डालने के बाद कही।
मेहनत की कमाई से पैसे बचाने के लिए किसी को दंडित नहीं किया जाना चाहिए
शुक्रवार को बंगलूरू के जयनगर में मतदान के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने विरासत टैक्स पर बात की। इस दौरान उन्होंने कड़ी मेहनत करने वाले मध्यम वर्गीय परिवारों पर विरासत टैक्स लगाने से पड़ने वाले प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। वित्त मंत्री की ओर से यह प्रतिक्रिया सैम पित्रोदा की ओर से विरासत टैक्स पर चर्चा शुरू करने के बाद आई। उन्होंने कहा कि केवल अपना बचत बनाए रखने के लिए पैसे जोड़ने वालों को दंडित करने से पिछले कई दशकों में हासिल आर्थिक लाभ सामाप्त हो सकता है।
उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि 1968 में एक अनिवार्य जमा योजना थी जहां लोगों की जमा राशि 18 प्रतिशत 20 प्रतिशत थी। इसमें से कुछ छीन लिया गया। उस समय उसका कोई कारण नहीं बताया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर धन सर्जकों को सिर्फ इसलिए दंडित किया जाएगा कि उनके पास कुछ पैसा बचा हुआ है, तो पिछले दस वर्षों में हुई भारत की प्रगति शून्य हो जाएगी।"
कांग्रेस के राज में एक समय ऐसा था जब लोगों को 90% कर देना पड़ता था
सीतारमण ने कांग्रेस के समय की उस स्थिति को भी याद किया जब 90% कर की दर लागू की गई थी वित्त मंत्री ने इसके साथ ही समाजवादी मॉडल और वर्तमान सरकार के दृष्टिकोण के बीच विरोधाभास का भी उल्लेख किया। वित्त मंत्री ने कहा, "कांग्रेस ने 90% कर लगाया था। आप शायद विश्वास नहीं करेंगे कि वर्तमान पीढ़ी को इसके बारे में कुछ भी याद नहीं होगा या पता भी नहीं होगा। एक ऐसा भारत था जहां कांग्रेस के शासन में हम अपने द्वारा अर्जित सभी आय का 90% कर के रूप में भुगतान करते थे। क्या यह वह समाजवादी मॉडल है जिसके साथ कांग्रेस पार्टी सहज है।"
कर्नाटक में चल रहे लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा-जद (एस) गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है। राज्य में दूसरे चरण के दौरान 14 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए वोट डाले जा रहे हैं।
-Legend News
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